மைசூர் அரண்மனை: திருத்தங்களுக்கு இடையிலான வேறுபாடு
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[[File:Mysore Palace S-KA-748.jpg|thumb|மைசூர் அரண்மனை]] |
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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल है.. में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ और यहीं दिल्ली में रहकर एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों अब आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. |
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'''மைசூர் அரண்மனை''' அல்லது அம்பாவிலாஸ் எனப்படும் இது [[இந்தியா|இந்தியாவின்]] [[கர்நாடகம்| கர்நாடக மாநிலம்]], [[மைசூர்|மைசூரில்]] அமைந்துள்ள [[அரண்மனை]] ஆகும். இது 1897-ம் ஆண்டு அக்டோபர் மாதம் கட்ட துவங்கப்பட்டது. 1912-ம் ஆம் ஆண்டில் கட்டி முடிக்கப்பட்டது.<ref>{{cite web | url=http://www.dinamani.com/weekly_supplements/kadhir/article1298088.ece | title=மைசூர் அரண்மனை வயது 100 | publisher=தினமணி | accessdate=16 திசம்பர் 2013}}</ref><ref>{{cite web | url=http://www.dinamani.com/travel/article1516672.ece | title=சுற்றுலாப் பயணிகளைக் கவரும் மைசூர் அம்பாவிலாஸ் அரண்மனை | publisher=தினமணி | accessdate=16 திசம்பர் 2013}}</ref> |
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ஆரம்பத்தில் [[யது குலம்|யது வம்ச]] வொடையார் குடும்பத்தினரால் விஜயநகரப் பேரரசின் கீழ் சிற்றரசாக 1565 வரையிலும், பின் விஜயநகரப் பேரரசின் வீழ்ச்சி வரை ஆளப்பட்டு வந்தது. பின்னர் பல சிற்றரசுகள் தென்னிந்தியாவில் விடுதலை பெற்ற காலத்தில் மைசூரும் விடுதலை பெற்றது. நரசராஜ வொடையார் மற்றும் சிக்க தேவராய வொடையார் ஆகிய அரசர்களின் கீழ் தற்போதைய தெற்கு கர்நாடகா மாநிலத்தின் பல பகுதிகள் மைசூர் பேரரசின் கீழ் கொண்டு வரப்பட்டு இப்பகுதியில் ஒரு பலமான பேரரசாக அமைக்கப்பட்டது. |
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दोस्तों यह कहानी आज से तीन महीने पहले की है और यह एक सच्ची घटना है जो कि मेरे साथ हुई है. दोस्तों आज में इसे आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और में जब भी टाईम मिलता है.. इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ क्योंकि मुझे बहुत अच्छा लगता है और मेरे मन को बहुत सन्तुष्टि मिलती है.. क्योंकि में एक दो दिन में स्टोरी को पढकर मुठ जरुर मार लेता हूँ. |
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==அரண்மனை அமைப்பு== |
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दोस्तों एक दिन में अपने दोस्त के यहाँ से कटरा की बस में से वापस आ रहा था और रविवार का दिन होने के कारण बस में कुछ ज़्यादा भीड़ नहीं थी. में लेडीस सीट के बिल्कुल पीछे वाली सीट पर बैठ गया और कुछ देर के बाद मेरे पास वाली सीट पर एक आंटी आकर बैठ गई जो कि उम्र में करीब 32 या 34 की होगी.. वो बहुत ही सुंदर और हॉट दिख रही थी. में उसे पीछे मुड़कर देख रहा था और वो समझ गयी कि में उसे देख रहा हूँ. तो थोड़ी देर के बाद वो भी मुझे देखकर स्माईल देने लगी और में बहुत खुश हुआ.. लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि में उससे बात करूं. |
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மைசூர் அரண்மனை 1897-ம் ஆண்டு அக்டோபர் மாதம் கட்ட துவக்கப்பட்டு, பதினைந்து ஆண்டு கால முடிவில் 1912-ம் ஆம் ஆண்டில் தான் கட்டி முடிக்கப்பட்டது. இந்த [[அரண்மனை|அரண்மனையை]] கட்டிமுடிக்க செய்த செலவு 41 லட்சத்து 47 ஆயிரத்து 913 ரூபாய் [[அரண்மனை|அரண்மனையின்]] முன் நுழைவு வாயிலிருந்து மைதானமும், அடுத்து இராச தர்பார் மண்டபமும், அடுத்த உள் பகுதியில் மல்யுத்த மைதானம், அடுத்து அந்தப்புரம் என சுமார் 175 அறைகளையும்,சற்று ஏறக்குறைய 50.00.0 ஹெக்டேர் பரப்பளவும் கொண்டுள்ளது. |
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மைசூர் அரண்மனை தரை மட்டத்திலிருந்து கோபுரம் வரை 145 அடி உயரமாகும். மிகப் பெரிய நுழைவு வாயில், திறந்த வெளி ஹால்கள், மாட மாளிகை, கூட கோபுரங்கள் என பிரம்மாண்டமாக கட்டப்பட்ட இந்த அரண்மனைக்குள் ஆயுத அறை, நூலகம், லிஃப்ட் வசதி, வேட்டை அறை, பிரத்யேக படுக்கை அறைகள் என அனைத்தும் மூன்றாவது மாடியில் அமைந்துள்ளன. |
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उसने मुझसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? और मैंने उसे बता दिया.. धीरे धीरे वो मुझसे और बातें करने लगी और कुछ देर बाद वो मेरे पास वाली सीट पर आकर बैठ गई. फिर जब भी बस के ब्रेक लगते तो वो एकदम मुझसे और भी चिपक जाती और में भी मौके का फायदा उठाकर उसके बड़े बड़े बूब्स को छू लेता.. लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती.. वो सिर्फ मुस्कुरा देती और में उस मौके का पूरा पूरा फायदा उठाता गया. |
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== மேற்கோள்கள் == |
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कुछ देर के बाद उसने मुझे बताया कि उसके पति की दिल्ली में सॉफ्टवेयर की दुकान है और उसका एक 7 साल का लड़का भी है और मुझे उसकी बातों से लग रहा था कि वो मुझमें रूचि ले रही है. |
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{{Reflist}} |
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== வெளி இணைப்புகள் == |
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फिर थोड़ी देर के बाद मेरा स्टॉप आने वाला था तो मैंने हिम्मत करके अपने बेग से एक पेपर निकाला और उसमे अपना मोबाईल नंबर लिखकर वहीं अपनी सीट पर गिरा दिया और उतर गया. तो अगले दिन में जब ऑफिस से आ रहा था तो मुझे उस आंटी का कॉल आया और उसने बताया कि वो पेपर उसने उठा लिए था जो मैंने वहाँ पर फेंक दिया था और उस दिन से हर रोज मेरी उससे बात होने लगी और जब भी मेरी उससे बात होती थी.. तो में केवल उसे चोदने के बारे में सोचता था और फोन पर बात करते करते में उससे धीरे धीरे पूरी तरह खुल गया और हम लोग अब सेक्स की बातें करते थे. |
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* [http://www.tagavalthalam.com/2015/03/mysore-palace.html மைசூர் அரண்மனையும் அதன் வரலாறும்..] |
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* [http://wikimapia.org/#lang=en&lat=12.305323&lon=76.654481&z=18&m=b&show=/8317042/Mysore-Palace விக்கிமேப்பியாவில் மைசூர் அரண்மனை அமைவிடம்] |
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[[பகுப்பு:கர்நாடக மாநிலத்திலுள்ள அரண்மனைகள்]] |
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एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया.. में बहुत खुश हुआ और उस दिन में ऑफिस से छुट्टी लेकर सीधा उसके घर पर चला गया. वो कानपुर की रहने वाली थी और उसने किराए पर एक कमरा ले रखा था और में जब उसके घर गया तो उसने एकदम सेक्सी कपड़े पहने हुए थे जिसमे से उसके बूब्स बाहर आने को बैचेन थे और में उसके जिस्म को देखकर पागल होने लगा और मेरा लंड धीरे धीरे अपने आकार को बदलने लगा था. तभी उसने मेरी लंड की इस हरकत को समझ लिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी. |
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[[பகுப்பு:மைசூர் பேரரசு]] |
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[[பகுப்பு:மைசூர் மாவட்டம்]] |
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फिर कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि उसका पति दुकान पर गया हुआ है और उसका लड़का स्कूल गया हुआ है. तो में समझ गया कि वो मुझे अपनी चुदाई का न्योता दे रही है और शायद वो आज मुझसे अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती है क्योंकि वो मुझे अपनी और आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ कर रही थी. फिर उसने मुझे पानी लाकर दिया और में सोफे पर बैठकर पानी पीने लगा.. लेकिन अब भी मेरी तिरछी नजर उसके बूब्स पर ही टिकी हुई थी और उसकी नजर मेरे ऊपर थी. |
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हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. तो कुछ देर बैठकर बात करने के बाद उसने बोला कि तुम बैठो में अभी दो मिनट में नहाकर आती हूँ और वो बाथरूम में चली गयी और जब वो वापस आई तो उसने एक काली कलर की मेक्सी पहन रखी थी. दोस्तों में क्या बताऊँ वो उस मेक्सी में क्या लग रही थी? वो एकदम सेक्स की देवी लग रही थी और उसके बहुत बड़े बड़े बूब्स, उभरी हुई गांड, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, सुराही जैसी पतली गर्दन, एकदम नशीली आखें और पानी में भीगा हुआ बदन जो कि उसके कपड़ो के अंदर से भी उसके गुप्तअंगो को दिखा रहा था.. जिससे उसका पूरा साईज मालूम हो रहा था. में तो उसे देखकर एकदम पागल हो गया और फिर वो कुछ लेने के लिए पीछे की तरफ मुड़ी और मैंने झट से सोफे से उठकर सीधा उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और किस करने लगा और मुझसे छुटने का नाटक करने लगी.. लेकिन कुछ देर बाद उसने मेरा विरोध करना बंद किया और साथ भी वो मुझे किस करने लगी. |
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फिर थोड़ी देर किस करने के बाद में उसे अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया और मैंने उसे बेड पर लेटाकर उसके जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया और फिर कुछ देर के बाद मैंने एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए और मैंने अपने भी सारे कपड़े खोलकर उस पर टूट पड़ा.. हम दोनों उस समय पूरे नंगे थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे और थोड़ी देर किस करने के बाद में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो आहे भरने लगी और सिसकियाँ लेने लगी. में आधे घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा.. उसके बाद हम लोग 69 की पोज़िशन में आ गये.. |
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वो मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत चाट रहा था और इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और में उसका सारा पानी पी गया और फिर कुछ देर बाद मैंने बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ तो उसने बोला कि कोई बात नहीं मेरे मुहं में ही झाड़ दो और उसने भी मेरा सारा माल पी लिया और में सीधा होकर लेट गया. फिर 5 मिनट के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसकर खड़ा कर दिया और बोली कि मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज़ मुझे चोदो. तो मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. |
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वो बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी और बोली कि प्लीज इसे पूरा अंदर डालो और मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया.. तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.. वो चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज़ थोड़ी देर रुक कर पूरा डालना. दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी और चुदाई के बीच में उसने मुझे बताया था कि उसके पति का लंड बहुत छोटा है और वो उसे संतुष्ट नहीं कर पाता है. |
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थोड़ी देर के बाद फिर से मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर तक चला गया और उस समय मुझे लगा कि में किसी दूसरी दुनिया में हूँ और में उसे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा. तो वो भी अपनी गांड उठाकर मेरे साथ अपनी चुदाई में मज़े ले रही थी और मुझसे चुदवा रही थी.. वो मुझे किस भी किए जा रही थी और फिर कुछ देर बाद वो बोली कि मुझे इतनी ख़ुशी आज तक नहीं मिली थी. थोड़ी देर के बाद में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटा रहा और करीब 12 बजने वाले थे. |
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उसने मुझसे बोला कि एक घंटे के बाद उसे अपने लड़के को लेने स्कूल जाना है.. तो मैंने बोला कि में एक बार तुम्हारी गांड भी मारना चाहता हूँ तो उसने बोला कि आज तक उसके पति ने कभी उसकी गांड नहीं मारी है और वो साफ मना करने लगी और मेरे बहुत मनाने के बाद वो तैयार हुई.. लेकिन वो बोली कि अगर ज़्यादा दर्द हुआ तो वो नहीं करवाएगी. तो मैंने उससे तेल लाने को बोला और वो उठकर चली गई और तेल लेकर आई.. पहले तो मैंने 10 मिनट तक उसकी गांड को चाटा और उसके बाद में अपनी एक उंगली में तेल लगाकर उसकी गांड में डालने लगा. उसकी गांड में मेरी एक उंगली भी नहीं जा रही थी क्योंकि वो बहुत टाईट थी.. लेकिन मैंने किसी भी तरह अपनी पूरी कोशिश करके अपनी एक उंगली उसकी गांड डाली. तो वो दर्द से तड़पने लगी और बाहर निकालने को बोलने लगी.. लेकिन मैंने उसे बाहर नहीं निकाला और थोड़ी देर उंगली को अंदर बाहर करने के बाद उसकी गांड का छेद थोड़ा खुला हुआ था. फिर में कंडोम पर थोड़ा तेल लगाकर अपने लंड को उसकी गांड में डालने की कोशिश करने लगा.. लेकिन वो जा नहीं रहा था. वो हर बार फिसलकर बाहर निकल रहा था. |
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मैंने उससे बोला कि अपने मुहं पर एक कपड़ा डालो और मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को रखकर एक ज़ोर का झटका दिया.. जिससे मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया.. लेकिन वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और दर्द से छटपटाने लगी और उसकी आँख से आंसू निकल रहे थे और वो लंड को बाहर निकालने को बोल रही थी.. लेकिन में थोड़ी देर तक वैसे ही रहा और उसके शांत होने का इंतजार करने लगा. |
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फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने फिर से एक झटका लगाया और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और वो बोलने लगी कि प्लीज इसे बाहर निकालो नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी.. लेकिन में बिना कुछ सुनते हुए उसे चोदने लगा और पहले तो वो मना करती रही.. लेकिन थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो वो मज़े से चुदवाने लगी. तो करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद में उसकी गांड में झड़ गया और थोड़ी देर के बाद हम लोग उठे और फ्रेश होने एक साथ बाथरूम में चले गये और फ्रेश होने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और वो अपने लड़के को लेने चली गयी और में भी उसे किस करके अपने रूम के लिए निकल पड़ा. |
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Posted on October 21, 2015Author anonymousCategories Hindi Sex Stories |
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14:47, 13 அக்டோபர் 2018 இல் நிலவும் திருத்தம்
மைசூர் அரண்மனை அல்லது அம்பாவிலாஸ் எனப்படும் இது இந்தியாவின் கர்நாடக மாநிலம், மைசூரில் அமைந்துள்ள அரண்மனை ஆகும். இது 1897-ம் ஆண்டு அக்டோபர் மாதம் கட்ட துவங்கப்பட்டது. 1912-ம் ஆம் ஆண்டில் கட்டி முடிக்கப்பட்டது.[1][2]
ஆரம்பத்தில் யது வம்ச வொடையார் குடும்பத்தினரால் விஜயநகரப் பேரரசின் கீழ் சிற்றரசாக 1565 வரையிலும், பின் விஜயநகரப் பேரரசின் வீழ்ச்சி வரை ஆளப்பட்டு வந்தது. பின்னர் பல சிற்றரசுகள் தென்னிந்தியாவில் விடுதலை பெற்ற காலத்தில் மைசூரும் விடுதலை பெற்றது. நரசராஜ வொடையார் மற்றும் சிக்க தேவராய வொடையார் ஆகிய அரசர்களின் கீழ் தற்போதைய தெற்கு கர்நாடகா மாநிலத்தின் பல பகுதிகள் மைசூர் பேரரசின் கீழ் கொண்டு வரப்பட்டு இப்பகுதியில் ஒரு பலமான பேரரசாக அமைக்கப்பட்டது.
அரண்மனை அமைப்பு
மைசூர் அரண்மனை 1897-ம் ஆண்டு அக்டோபர் மாதம் கட்ட துவக்கப்பட்டு, பதினைந்து ஆண்டு கால முடிவில் 1912-ம் ஆம் ஆண்டில் தான் கட்டி முடிக்கப்பட்டது. இந்த அரண்மனையை கட்டிமுடிக்க செய்த செலவு 41 லட்சத்து 47 ஆயிரத்து 913 ரூபாய் அரண்மனையின் முன் நுழைவு வாயிலிருந்து மைதானமும், அடுத்து இராச தர்பார் மண்டபமும், அடுத்த உள் பகுதியில் மல்யுத்த மைதானம், அடுத்து அந்தப்புரம் என சுமார் 175 அறைகளையும்,சற்று ஏறக்குறைய 50.00.0 ஹெக்டேர் பரப்பளவும் கொண்டுள்ளது.
மைசூர் அரண்மனை தரை மட்டத்திலிருந்து கோபுரம் வரை 145 அடி உயரமாகும். மிகப் பெரிய நுழைவு வாயில், திறந்த வெளி ஹால்கள், மாட மாளிகை, கூட கோபுரங்கள் என பிரம்மாண்டமாக கட்டப்பட்ட இந்த அரண்மனைக்குள் ஆயுத அறை, நூலகம், லிஃப்ட் வசதி, வேட்டை அறை, பிரத்யேக படுக்கை அறைகள் என அனைத்தும் மூன்றாவது மாடியில் அமைந்துள்ளன.
மேற்கோள்கள்
- ↑ "மைசூர் அரண்மனை வயது 100". தினமணி. பார்க்கப்பட்ட நாள் 16 திசம்பர் 2013.
- ↑ "சுற்றுலாப் பயணிகளைக் கவரும் மைசூர் அம்பாவிலாஸ் அரண்மனை". தினமணி. பார்க்கப்பட்ட நாள் 16 திசம்பர் 2013.